संकल्प से सिद्धि – एक ऐसा अनुभव जिसे शब्दों में बाँधना मुश्किल है!

📍 लक्ष्मी नगर, शाहदरा जिला

मंडल ब्लॉग संयोजक श्री सचिन लांबा एवं सह-संयोजक शिवम कुमार द्वारा प्रस्तुत

आज का दिन बेहद खास रहा। मौका था लक्ष्मी नगर मंडल, शाहदरा में आयोजित ब्लॉग लेखन प्रतियोगिता का, जो “संकल्प से सिद्धि” अभियान के अंतर्गत रखी गई थी। इस आयोजन में शामिल होकर एक अलग ही ऊर्जा महसूस हुई — न सिर्फ लिखने का मौका मिला, बल्कि बहुत कुछ सीखने और समझने का भी अवसर मिला।

प्रतियोगिता में विभिन्न मंडलों के कार्यकर्ताओं और युवाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मंडल ब्लॉग संयोजक श्री सचिन लांबा एवं सह-संयोजक श्री शिवम कुमार की भूमिका उल्लेखनीय रही, जिन्होंने न केवल आयोजन की रूपरेखा को बारीकी से संभाला, बल्कि प्रतिभागियों को प्रोत्साहित भी किया।

हम सभी अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आए थे, लेकिन एक ही मकसद लेकर — अपने विचारों को शब्दों में ढालना, कुछ नया सीखना और दूसरों से भी प्रेरणा लेना।

कार्यक्रम की शुरुआत बेहद गरिमामयी तरीके से हुई। आयोजन में कई सम्माननीय लोग मौजूद थे, जिनकी उपस्थिति से माहौल और भी प्रेरणादायक बन गया।
CA कामेश आचार्य जी, जो इस कार्यक्रम के जिला संयोजक हैं, ने बहुत ही शानदार तरीके से सभी को मार्गदर्शन दिया।
सुश्री अलका राघव जी, श्री कपिल महाजन जी, श्री ललित निगम जी, श्री कमलेश झा, श्रीमती कुसुम गोला समेत अन्य कई सक्रिय लोग वहाँ मौजूद थे, जिनकी बातों से हमें बहुत कुछ सोचने को मिला।

क्या-क्या सीखा?

प्रतियोगिता का विषय सिर्फ लेखन नहीं था, बल्कि यह था अपने अंदर की आवाज़ को पहचानने का
वहाँ बैठे-बैठे एक बात बार-बार मन में आ रही थी — हम सबमें लिखने की ताकत है, सोचने की गहराई है, बस ज़रूरत होती है एक मंच की और थोड़े से आत्मविश्वास की।

  • यह प्रतियोगिता सिर्फ शब्दों की दौड़ नहीं थी, यह थी विचारों की साझेदारी
  • बहुत सारे प्रतिभागियों की कहानियाँ, अनुभव और लेख सुनकर लगा कि हर किसी का नज़रिया कितना अनोखा होता है
  • साथ ही, यह भी समझ में आया कि हम सभी को डिजिटल युग में अपनी लेखनी के ज़रिए समाज में सकारात्मकता फैलाने की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए

कुछ यादगार पल:

एक दिल से निकली बात

इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर मैं न सिर्फ एक लेखक की तरह महसूस कर पाया, बल्कि एक ज़िम्मेदार नागरिक की तरह भी सोचने लगा।
ऐसे आयोजनों की सबसे खूबसूरत बात यही होती है — हम आते हैं शायद बस हिस्सा लेने के लिए, लेकिन वापस जाते हैं कुछ नया सीखकर, कुछ बेहतर बनने की प्रेरणा लेकर।


धन्यवाद उन सभी लोगों का जो इस आयोजन के पीछे थे, जिन्होंने मंच दिया, मार्गदर्शन दिया और हमें एक मौका दिया अपनी बात कहने का।


“लेखन सिर्फ शब्दों का मेल नहीं, वह आत्मा की पुकार होती है।”


अगर आपको भी कभी ऐसा कोई मौका मिले — हिस्सा ज़रूर लीजिए। यह अनुभव आपको सोचने, लिखने और खुद से जुड़ने का एक नया रास्ता दिखा सकता है।

मंडल ब्लॉग संयोजक – श्री सचिन लांबा | मंडल सह-संयोजक – श्री शिवम कुमार

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