“दुनिया अब भारत को नहीं सिखा रही — दुनिया अब भारत से सीख रही है।”
प्रधानमंत्री की विदेश नीति ने भारत को विश्व मंच पर आर्थिक रूप से मजबूत और स्वाभिमानी बनाया है।
आर्थिक मज़बूती व स्वाभिमान से भारत की वैश्विक पहचान।
भारत पहले – अब नारा नहीं, नीति है
मोदी की ‘India First’ विदेश नीति, दृढ़ और बेबाक।
भारत अब स्पष्ट, आत्मविश्वासी और सिद्धांत आधारित विदेश नीति के साथ आगे बढ़ रहा है, जो देश की पहचान को मजबूती से प्रस्तुत करती है।
UN हो या G20, भारत की आवाज़ अब निर्णायक बन चुकी है
Global South की चिंता उठाने वाला भारत अब नीति निर्धारण का केंद्र बन चुका है
QUAD, BRICS, SCO, I2U2 जैसे मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी एक नये युग की शुरुआत है
विश्व पटल पर भारत का बढ़ता सम्मान
“ये भारत की नहीं, भारतवासियों की उपलब्धि है।” – PM नरेंद्र मोदी
दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री के प्रति आदर, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के एजेंडा को महत्व, और वैश्विक संकटों में भारत की निर्णायक भूमिका — यह सब एक संकेत है कि भारत अब सिर्फ दर्शक नहीं, निर्णायक बन चुका है।
140 करोड़ भारतीयों का विश्वास – इस परिवर्तन की नींव
भारत के इस परिवर्तन की सबसे बड़ी ताक़त है — जनता का विश्वास।
140 करोड़ लोगों का यह विश्वास ही है, जिसने भारत को दुनिया के सामने खड़ा कर दिया है — मजबूती के साथ, बिना झुके और बिना डरे।
“यह सिर्फ सरकार की विदेश नीति नहीं है, यह 140 करोड़ दिलों की आत्मा है।”
नवभारत का संकल्प
“भारत की विदेश नीति अब चुपचाप नहीं चलती — अब भारत बोलता है, और दुनिया सुनती है।”
यह नया भारत है —
जो विकासशील देशों की आवाज़ बन रहा है
जो वैश्विक ऊर्जा और टेक्नोलॉजी का केंद्र बन रहा है
जो संस्कृति और आत्मविश्वास का संगम बन रहा है
अगर आप भारत के इस बदलते स्वरूप का हिस्सा बनना चाहते हैं — जुड़िए, समझिए और गर्व कीजिए। यह सिर्फ प्रधानमंत्री की सफलता नहीं — यह पूरे भारत की आवाज़ है।