सावन मास के आगमन के साथ ही भारतवर्ष में हरियाली तीज का पावन पर्व अपनी अनुपम छटा बिखेरता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में आस्था, प्रेम और खुशहाली का प्रतीक है। इस वर्ष लक्ष्मी नगर में भी हरियाली तीज का यह उत्सव पूरे उत्साह और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया।


इस शुभ अवसर पर, लक्ष्मी नगर में आयोजित हरियाली तीज समारोह में, हमारी आदरणीय निगम पार्षद श्रीमती अलका राघव जी की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया। उनकी सहभागिता से यह आयोजन स्थानीय समुदाय के लिए एक यादगार अवसर बन गया, जहाँ सभी ने मिलकर हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान किया।
हरियाली तीज का पर्व मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सजती-संवरती हैं, झूला झूलती हैं, और लोक गीत गाकर खुशियाँ मनाती हैं। यह दिन परिवार और समुदाय के सदस्यों को एक साथ आने, अनुभव साझा करने और पारंपरिक रीति-रिवाजों को निभाने का एक सुंदर अवसर भी प्रदान करता है।
समारोह में उपस्थित महिलाओं ने पूरे उत्साह और सौहार्द के साथ भाग लिया। यह पर्व केवल व्रत और पूजा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के बीच आपसी मेलजोल और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी महत्वपूर्ण माध्यम है। घेवर और अन्य पारंपरिक मिठाइयों का स्वाद इस अवसर की मिठास को और बढ़ा देता है।
निगम पार्षद श्रीमती अलका राघव जी ने इस अवसर पर सभी को हरियाली तीज की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के महत्व पर जोर दिया, जो हमारी परंपराओं को जीवंत रखते हैं और स्थानीय समुदाय में एकता व प्रेम की भावना को बढ़ावा देते हैं।
हरियाली तीज का यह उत्सव हमें प्रकृति के करीब होने का एहसास भी दिलाता है, जब चारों ओर हरियाली छाई होती है। यह त्योहार हमें अपनी समृद्ध विरासत पर गर्व करने और उसे अगली पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए प्रेरित करता है।
लक्ष्मी नगर में मनाया गया यह हरियाली तीज समारोह, परंपरा और सामुदायिक जुड़ाव का एक सुंदर उदाहरण रहा। यह दिखाता है कि कैसे हम अपने त्योहारों के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ते हैं और अपनी संस्कृति को सशक्त करते हैं।
आप सभी को हरियाली तीज की हार्दिक शुभकामनाएँ!