
दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा विशेष स्वच्छता अभियान “दिल्ली को कूड़े से आज़ादी” अब ज़मीन पर रंग दिखा रहा है।
वार्ड संख्या 203 (लक्ष्मी नगर) में इस अभियान की शुरुआत नगर निगम पार्षद श्रीमती अल्का राघव के नेतृत्व में हुई, जहाँ स्थानीय नागरिकों, अधिकारियों और सफाई कर्मचारियों ने मिलकर पूरे वार्ड में साफ़-सफाई और जागरूकता का संदेश फैलाया।
ज़मीनी जुड़ाव से शुरू हुई यह पहल



अल्का राघव जी की अगुवाई में निकाली गई यह स्वच्छता रैली केवल औपचारिकता नहीं थी — यह एक संदेश था, कि वार्ड के हर नागरिक को स्वच्छता अभियान का हिस्सा बनना होगा।
रैली के दौरान पार्षद जी ने स्वयं वार्डवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया, और यह स्पष्ट किया कि कचरे की समस्या का हल सिर्फ शिकायतों से नहीं, सहभागिता से होगा।
अभियान के मुख्य उद्देश्य
- इस अभियान का मक़सद सिर्फ एक दिन की सफाई नहीं था, बल्कि एक आदत बनाने की कोशिश थी।
- चाहे गली हो, बाजार हो या कोई सार्वजनिक जगह — हर कोना साफ हो, यही लक्ष्य था।
- लोगों को समझाया गया कि गीला और सूखा कचरा अलग फेंकने की आदत अपनाएं।
- साफ-सफाई को सिर्फ सरकार या नगर निगम का काम मानना गलत है — ये हम सबकी साझी जिम्मेदारी है।
- जब हर नागरिक जागरूक होगा और सफाई को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेगा, तभी असली बदलाव आएगा।
नागरिकों की भागीदारी से आया बदलाव

इस रैली में लोगों की जो भागीदारी दिखी, उसने साबित कर दिया कि जब नेता खुद मैदान में उतरते हैं, तो जनता भी दिल से साथ देती है।
बच्चे हों, बुज़ुर्ग या नौजवान — हर कोई जोश में था। सबका बस एक ही कहना था — ‘हमारा वार्ड साफ रहेगा, क्योंकि अब हम जागरूक हो चुके हैं।
पार्षद अल्का राघव की अपील
रैली के आखिर में पार्षद जी ने कहा:
“साफ-सफाई कोई अकेले नगर निगम का काम नहीं है। अगर हम सब मिलकर ठान लें कि अपना घर, अपनी गली साफ रखनी है, तो बदलाव तो खुद-ब-खुद नजर आने लगेगा — और वो भी बहुत जल्दी।”
निष्कर्ष
वार्ड 203, लक्ष्मी नगर ने यह साबित कर दिया है कि जनभागीदारी से कोई भी मुहिम सफल हो सकती है।
“दिल्ली को कूड़े से आज़ादी” अब सिर्फ नारा नहीं रहा — यह एक प्रेरणा बन रहा है, और इसमें लक्ष्मी नगर की भागीदारी एक शानदार उदाहरण है।